स्वतंत्रता का अधिकार अनुच्छेद 20

                    




                              अनुच्छेद 20

 दोषसिद्धि में संरक्षण! (protection from conviction)

जब तक कोर्ट किसी को सजा ना दे तब तक वह अपराधी नहीं माना जाता।

* अनुच्छेद 20 में तीन तरह की बातें लिखी गई है।

1.अपराध के समय का कानून।

2.एक अपराध की एक सजा।

3.खुद के विरुद्ध गवाही नहीं दे सकते हैं।

                        !!विस्तृत रूप से।!!!

1.अपराध के समय का कानून। -कोई भी व्यक्ति जिस समय पर अपराध करता है तो उसे उसी वक्त के कानून के तहत सजा मिलेगा। ना कि बाद में बना हुआ कानून के तहत सजा मिलेगा।

2.एक अपराध की एक सजा- किसी भी अपराधी को एक अपराध कि एक सजा दी जा सकती है।जब कोई अपराधी किसी अपराध के लिए सजा काट ले तब उसे उस अपराध के लिए दोबारा सजा नहीं दिया जा सकता है।

3.खुद के विरुद्ध गवाही नहीं दे सकते हैं-खुद के विरुद्ध गवाही नहीं दे सकते !किसी को भी खुद के विरुद्ध गवाही देने के लिए कोई मजबूर नहीं कर सकते।

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